Friday, October 9, 2009

वो, कहती मुझको भइया॥

वो,
छोटी सी, प्यारी सी,
वो,
कहती है मुझको, भैया!

हर बात वो अपनी बतलाती,
कभी यूँ ही इठलाती,
वो,
मेरी छोटी बहनिया।

पर जब होता,
मेरा मन उदास,
पोंछ मेरे आंसू,
वो मुझको देती आस,
वो,
मेरी छोटी बहनिया,
वो,
कहती मुझको भइया॥

1 comment:

  1. bahut accha likha aapne Pankaj ji.
    Aur aapki taswir with Tap badi masoom si lagti hai.
    badhii is sundar rachna ke liye.

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