आज एक अश्रु बहा आंखों से ,
आज तुम फिर याद आए.
सावन की कुछ बूँदें पड़ी,
तन भीगा, मन गुनगुनाये..
यादों के भंवरों में दिल खोया,
मानो कोई कली मुस्कुराए।
मन मेरा यही पुकारे,
तू फिर लौट के आ जा;
क्यूंकि आज,
क्यूंकि आज तुम फिर याद आए॥
क्यूंकि आज तुम फिर याद आए॥
you a nature lover...
ReplyDeletenice expression of your anguish...
kamaal hai ... itna achchha kaise soch lete ho...perfect lyrics
ReplyDeletejust one word to sum up ur feelings-ADIDAU(adidas se 's' hata diya.. i mean.. aapki taraf se .. unko.. jiske liye bhi yeh poem intended tha..:P)
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