मुझे याद है। मुझे याद है वो पल, जब हम बैठे हुए गंगा के किनारे पर और यूँ हीं अचानक से तुमने कहा कि क्यूँ न उस पार चलकर देखें नदी के दूसरे किनारे को, मानो वहाँ कोई और दुनिया बसती हो। मुझे याद है ठण्ड के उस मौसम में खिली हुई धूप में किया गया नाव का वो सफ़र, सफ़र जिसमे तय की थी हमने दूरी शून्य से अनंत की। मुझे याद है आज भी वो "छप" की आवाज जो आती थी, जब चप्पू हौले से समा जाता था गंगा के पानी में। उसमे और संसार के सारे संगीत के सम्मिलित स्वरों में क्या अंतर है, आज भी न समझ सका। मुझे याद है, उस वक़्त हुई हमारी ढेर सारी बातें, जो हमारी आँखों ने कही और सुनी थीं।
मुझे याद है, उन बातों में तुम्हारा कहा गया एक - एक शब्द जिनमे छुपा था तुम्हारा सारा प्यार।
मुझे याद है, नदी का वो दूसरा किनारा, जहाँ हमने लिखा था रेत के कणों पर अपना नाम यह सोचकर कि कभी यह रेत के कण पत्थर बनेंगे और हमारा नाम अमर हो जाएगा युगों युगों के लिए। रेत के उन कणों को भी अपने आप पर कितना अभिमान आया होगा। मुझे याद है, घंटों तक बैठ कर हम निहारते रहे डूबते हुए सूरज को। उसकी लाल किरणें तप्त थीं, उतनी ही जितना हमारा प्यार और शीतल भी थीं, उतनी ही जितनी उस ढलती शाम में रेत। हमारे ह्रदय की हालत भी तो कुछ ऐसी ही थी। मुझे याद है उन लाल रश्मियों का नदी की लहरों के साथ नृत्य करना और हमारे मन-मयूर का उस नृत्य से ताल से ताल मिलाना।
मुझे याद है, मुझे याद है वो दिन, वो शाम और उस दिन के बाद बीते कई वैसे दिन। मुझे याद है और हमेशा याद रहेगा वो दिन और उसके बाद बितायी गयी तारों की चादर तले सारी रात।
Credit - Vatika Singh |
मुझे याद है, नदी का वो दूसरा किनारा, जहाँ हमने लिखा था रेत के कणों पर अपना नाम यह सोचकर कि कभी यह रेत के कण पत्थर बनेंगे और हमारा नाम अमर हो जाएगा युगों युगों के लिए। रेत के उन कणों को भी अपने आप पर कितना अभिमान आया होगा। मुझे याद है, घंटों तक बैठ कर हम निहारते रहे डूबते हुए सूरज को। उसकी लाल किरणें तप्त थीं, उतनी ही जितना हमारा प्यार और शीतल भी थीं, उतनी ही जितनी उस ढलती शाम में रेत। हमारे ह्रदय की हालत भी तो कुछ ऐसी ही थी। मुझे याद है उन लाल रश्मियों का नदी की लहरों के साथ नृत्य करना और हमारे मन-मयूर का उस नृत्य से ताल से ताल मिलाना।
मुझे याद है, मुझे याद है वो दिन, वो शाम और उस दिन के बाद बीते कई वैसे दिन। मुझे याद है और हमेशा याद रहेगा वो दिन और उसके बाद बितायी गयी तारों की चादर तले सारी रात।